बी. आर. चोपड़ा जी की महाभारत और रामानंद सागर जी के रामायण के सामने धाराशायी हुए मूर्खतापूर्ण सीरियल। दूरदर्शन पे प्रसारित इन दोनों सीरियल की TRP को देखते हुए Star दिखाने जा रहा है सागर जी की रामायण जबकि Colors करेगा बी. आर. चोपड़ा जी की महाभारत का प्रसारण। इसे कहते है अपनी औकात पे आना। महाभारत का एक एक एपिसोड एकता कपूर और उनके जैसे तमाम मूर्ख प्रोड्यूसर्स के 10-10 एपिसोड पर भारी है। मुकेश खन्ना जी ने भीष्म के रोल को इस क़दर जिया है कि उन्हें देखते हुए ऐसा लगता ही नही ये किसी सीरियल का दृश्य है। नीतीश जी अलावा आप कृष्ण के रोल में किसी को सोच नही पाते जबकि उनके बाद कई सीरियल्स में आप अलग अलग कृष्ण को देख चुके हैं। विदुर, धृष्टराष्ट्र, गांधारी, कर्ण, शकुनि, दुर्योधन और अर्जुन का काम भी लाजवाब है। मेरे हिसाब से इसका बहुत बड़ा श्रेय इस महान सीरियल के डायरेक्टर बी. आर. चोपड़ा और राइटर पंडित नरेंद्र शर्मा और डॉक्टर राही मासूम रज़ा साहब को जाता है। बाद के सीरियल्स के राइटर और डायरेक्टर चू चू के मुरब्बे थे। यही हाल रामायण का भी है। अरुण गोविल ने राम के चरित्र को एक दम जीवंत कर दिया। लक्ष्मण का रोल, हनुमान, रावण के रोल में अरविंद त्रिवेदी, मेघनाथ और कुम्भकरण का रोल भी बहुत ज़बरदस्त है। इसमे भी राइटर, डायरेक्टर को बहुत बड़ा क्रेडिट जाता है। प्राइवेट चैनल्स के हेड से मेरा निवेदन है कि अब भी सुधरिये एम.बी.ए. और मार्केटिंग के लोगो को चैनल्स का क्रिएटिव हेड रखेगे तो वो कृष्ण और कमलेश में फर्क नही समझ पाएंगे। आपको और दर्शकों को सिर्फ मूर्ख और दिमाग़ी रूप से विकृत ही बनायेगें।