जान ले रहा है ‘कोरोना’,
अब हिंदुस्तान में।
ब संभल कर रहो,
अपने-अपने घरों में।
कैसी बीमारी ये आई,
जान पर आफत आई।
न कोई समझे-न ही जाने,
बस हाँ में हाँ सबकी मिलानी।
कैसे ले रही है,
जान इंसानों की।
अब संभल कर रहो,
अपने-अपने घरों में।
किसी का पाप,
कहीं पर आया।
बेगुनाह लोगों को,
इसने रुलाया।
मर भी रहे हैं,
बेगुनाह इंसान।
कैसे बचें इससे,
अब आम इंसान।
अब संभल कर रहो,
अपने-अपने घरों में।
जान ले रहा है ‘कोरोना’,
अब हिंदुस्तान में।
अब संभल कर रहो,
अपने-अपने घरों में॥

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