जहाँ पर मिलता है अपनापन
वहीं पर सुकून मिलता है।
और हृदय में खुशी का
बहुत आनंद बना रहता है।
दिये की रोशन से जिस तरह
प्रकाश चारों तरफ होता है।
वैसे ही अपनेपन से जीवन में
सदा ही कमल खिलते हैं।।
उदास चेहरे पर भी
खुशी की लहर आ जाती है।
मिले जब अपनों का साथ
तो दिल कमल सा खिल जाता है।
और मुरझाई लताएँ भी
थोड़ा पानी मिलने पर।
फिर से चारों तरफ
फैलने लगती हैं।।
कभी दिल की गहराइयों से
किसी का गम दूर करके देखो।
अंधेरे घरों में लोगों के
तुम उजाला करके देखो।
किसी दुखी इंसान से पूछो
की तुम्हें क्या गम है।
तुम्हारे इस कार्य से फिर से
इंसानियत जिंदा हो जायेगी।।