आज कल कम ही,
नजर आते हो।
मौसम के अनुसार,
तुम भी गुम जाते हो।
कैसे मैं कहूँ तुमसे की,
मुझे बहुत याद आते हो।।
दर्द दिल में बहुत है,
बयां कर सकता नही।
हम सफ़र बिछड़ गया,
पर कह सकता नही।
अब क्यो इंतजार करूँ,
जो मिल सकते नही।
वो हँसते और हँसाते है,
साथ ही बहुत रोते है।
पर दिल के दर्द को,
और बढ़ा देते हैं
यादों को सीने से,
यादों को सीने से,
उनकी लगाये रखा है।
बीती बातों को दिल में,
शमा रखा है।
तेरे दिल में क्या है मेरे लिए,
वो तो तुझे ही पता होगा।।
एक बार प्रेम से,
कुछ बोल कर देखो।
तेरा दिल फिर,
मेरे लिए मचलेगा।
और जो दिल में तुमने,
दबा के रखा है।
कसम उस ख़ुदा की,
वो तेरे मुँह से निकलेगा।।
फिर खुद का दर्द भूलकर,
मेरे दर्द को समझोगे।
और मेरे दिल को,
अपने दिल से जोड़ोगे।
यदि तड़प मैं रहा हूँ,
तो तुम भी तड़पोगे।
और इस मोहब्बत को,
अपनी मोहब्बत से जोड़ोगे।।