हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के द्वारा राजर्षि सेमिनार हाल में ‘पढ़ें हिंदी, बढ़े हिंदी’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि ‘पढ़ें  हिंदी, बढ़े हिंदी’ यह विषय एक मजबूत और सही विषय है जिस पर आज हम बात कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज लगभग 65 करोड़ लोगों की प्रथम भाषा और लगभग 50 करोड़ लोगों की दूसरी या तीसरी भाषा हिंदी है, लेकिन आज सोचने का विषय  है कि हम हिंदी भाषी, जिसमें बड़ी संख्या में  शोधार्थी भी सम्मिलित हैं, व्याकरण शुद्ध रूप से नहीं लिख पाते। उन्होंने आगे यह भी कहा कि हिंदी के साथ गुणवत्ता का प्रश्न सदा ही रहा है, यह जरूर है कि आज बाजार के बल पर हिंदी की मजबूत स्थिति दिखाई दे रही है, लेकिन यह क्षमता हिंदी भाषिओं की उतनी नहीं है जितनी बाजार की शक्तियों की अपने निहित स्वार्थ की है। इसलिए आज सबसे बड़ी आवश्यकता हिंदी भाषा के सही ज्ञान और उसमें निहित रचनात्मक के साथ ही ज्ञानात्मक साहित्य का अध्ययन करना है।

आज की संगोष्ठी में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ाने वाली भाषा है, लेकिन शुद्धता में सबसे श्रेष्ठ नहीं है। शुद्धता की समस्या मुख्य रूप से इसलिए है कि हम डिजिटल माध्यमों पर रोमन में लिखते हैं  जिससे हिंदी के अक्षर हमारी आंखों की सामने नहीं आ पाते। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी अगर आज बाजार में बढ़ रही है तो बाजार की अपनी शक्तियों के कारण बढ़ रही है न की हिंदी भाषी जनता की प्रयास से। उन्होंने हिंदी की विकास यात्रा की चर्चा करते हुए प्राचीन कवि अमीर खुसरो की चर्चा करते हुए कहा की वे अनेक भाषाओं के जानकार थे और उन्होंने कहा था की हिंदी भविष्य की भाषा होगी। आज लगभग हजार वर्षों के बाद भी उनकी बात सही प्रमाणित हो रही है। संगोष्ठी में डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने भी अपना विचार व्यक्त किया ।

आज की संगोष्ठी में उदय प्रताप कॉलेज के हिंदी विभाग के पूर्व प्राध्यापक डॉ.  रामबचन सिंह को सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि अवकाश प्राप्ति के लगभग 25 वर्षों के बाद मैं पहली बार कॉलेज में आया हूँ। इसके लिए हिंदी विभाग और प्राचार्य जी धन्यवाद के पात्र हैं।  इस अवसर पर ‘पढ़ें हिंदी, बढ़े हिंदी’ विषय पर आयोजित की गई निबंध प्रतियोगिता में  सर्वोच्च स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र का वितरण भी किया गया।

संगोष्ठी में आए हुए अतिथियों का स्वागत हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर गोरखनाथ ने किया। संचालन प्रो.अनिता सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सपना सिंह ने किया। इस अवसर प्रो. एस के सिंह, प्रो. बनारसी मिश्र, प्रो. मधु सिंह, प्रो. शशिकांत द्विवेदी, प्रोफेसर सुधीर राय, प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. एन .पी. सिंह,  प्रो.मीरा सिंह, श्री अजय राय, प्रो. संजय शाही,  प्रो.नीलिमा सिंह,  प्रो. मनोज प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. रेनू सिंह, प्रो. रश्मि सिंह, डॉ. आनंद राघव चौबे, डॉ. तुषार कांत श्रीवास्तव, डॉ.मयंक सिंह, डॉ. संजय श्रीवास्तव, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. रंजन श्रीवास्तव, डॉ. अनुराग उपाध्याय, डॉ. अनूप कुमार सिंह, डॉ.अग्नि प्रकाश शर्मा, डॉ. प्रताप गौतम सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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