सलाम करते हैं हम,
उन वीर जवानों को।
जिनकी दम पर हम,
घरों में आराम करते हैं।
और वो देते हैं पहरा,
सीमा पर खड़े होकर।
उन्ही की दम पर हम,
अमन चैन से रहते हैं।।
उन्हें क्या मिलता हैं,
देश सेवा करने से।
किसने उनसे पूछा,
कभी उनकी मर्ज़ी को।
उनके सीने में देश सेवा,
का भाव धड़कता हैं।
तभी तो वो सेना में,
हुआ करते हैं भर्ती।।
जरा सोचो तुम लोगो,
वहां पर कौन रह सकता।
जहां पर मौत का खतरा,
सदा ही बना रहता हैं।
फिर क्यो ये रास्ता चुनते हैं ये लोग ?
क्योंकि उनके सीने में,
देश सेवा की आग जलती है।।
इसलिए संजय उनके,
माँ बाप को करता है सलाम।
और उनके बलिदानो की,
कहानी सब को सुनता हैं।
और तिरंगे की खातिर,
तिरंगे में लिपट जाने का दिल करता हैं।

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