मिर्जापुर, बनारस से लेकर समूचे पूर्वांचल और बिहार के कुछ हिस्सों में जो भोजपुरी भाषी और समाज के लोग है उनमें एक खास तरह के गीत की परम्परा देखने को मिलती है, जिसे कजरी कहा जाता और यह विशेषतः सावन… Read More

मिर्जापुर, बनारस से लेकर समूचे पूर्वांचल और बिहार के कुछ हिस्सों में जो भोजपुरी भाषी और समाज के लोग है उनमें एक खास तरह के गीत की परम्परा देखने को मिलती है, जिसे कजरी कहा जाता और यह विशेषतः सावन… Read More
कजरी हमें भोजपुरी भाषा परम्परा से विरासत में मिली एक मधुर गीत है। यह गीत विशेष रूप से सावन महीने में गाया जाता है । सावन भी फाल्गुन की तरह उल्लास और उछाह का महीना होता है । जिस प्रकार… Read More