गीत : इंसान हो

इंसान की औलाद हो, इंसान तुम बनो। इंसानियत को दिलमें, अपने जिंदा तुम रखो। मतलब फरोश है ये दुनियाँ, जरा इससे बचके रहो। लड़वा देते है अपास में, भाई बहिन को। ऐसे साँपो से तुम, अपने आप को बचाओ।। कितना… Read More

कविता : मिलन

जब हम होंगे, तुम्हारे पास तो। कयामत निश्चित ही, तुम्हारे दिलमें आएगी। धड़कने दिलों की, मानो थम जाएगी। जब चांदनी रातमें, होगा दिलोंका संगम। तो दिलों के, बाग लहरा उठेंगें। और अमन चैन, के फूल खिलेंगे। तो मचलते दिलको, जरूर… Read More

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कविता: क्यों बुला रहे हो

दिल की गैहराईयों, से मुझे देखो। सामने में नजर आऊंगा। चाँद को पाने के लिए, कही भी आ जाऊंगा। बस दिलसे एक बार, आवाज़ दो हमें। मैं खुद तुम्हारे समाने, हाजिर हो जाऊंगा।। न हम गलत है, और न हमारी… Read More

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कविता : घर में हैं

आज घर का माहौल, बदला-2 सा दिख रहा है। घर में कोई तूफान, सा छा गया है। यह मुझे घर का, माहौल बता रहा है। और प्रिये तेरी नजरो में, भी मुझे नजर आ रहा है। लगता है पूरी रात,… Read More

कविता : शर्मिंदा हूँ

मिजाज कुछ बदला-2 सा, नजर आ रहा है। मानो दिल में कोई, तूफान सा छा रहा है। जो तेरी नजरो में, मुझे नजर आ रहा है। लगता है पूरी रात, तुम सोये नही हो। तभी तो चेहरा मुरझाया हुआ आज… Read More

कविता : छोड़ आया

दिलके इतने करीब हो, फिर भी मुझसे दूर हो। कुछ तो है तेरे दिल में, जो कह नही पा रही हो। या मेरी बातें या मैं तेरे को, अब समझ आ नही रहा। तभी तो मुझ से दूरियां, तुम बनाती… Read More

गीत : गुरु और शिष्य

गुरु शिष्य का हो, मिलन यहां पर, फिर से दोवारा। यही प्रार्थना है हमारा। यही प्रार्थना है हमारा।। गुरु चाहते है, कि शिष्य को, मिले वो सब कुछ। जो में हासिल, कर न सका, अपने जीवन में। वो शिष्य हमारा,… Read More

कविता : यादों के लिए

तेरी यादों को अभी तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। की तुम लौटकर आओगे। मेरे लिए नहीं सही तो, परायें के लिए ही सही। तभी आप की धरोहर, आप को सौप देंगे। और इस मतलबी दुनियाँ से, कुछ कहे बिना… Read More

कविता : वो भाग जाते हैं

लगाकर आग दिल में वो,  अक्सर भाग जाते है। कह कर अपनी बात, अक्सर भाग जाते है। बिना जवाब के भी, क्या वो समझ जाते है। तभी तो बार बार आकर, मुझसे कुछ कहते है।। उन्हें प्यार हो गया है।… Read More

कविता : श्रोता बना आशिक

मिले हम अपनी कविता,  गीतों के माध्यम से तुम्हें। परन्तु ये तो कुछ, और ही हो गया। पढ़ते पढ़ते मेरी गीतों के, तुम प्रशंसक बन गये। और दिल ही दिल में, हमें चाहाने लगे। और अपने से, हमें लुभाने लगे।।… Read More