इंसान की औलाद हो, इंसान तुम बनो। इंसानियत को दिलमें, अपने जिंदा तुम रखो। मतलब फरोश है ये दुनियाँ, जरा इससे बचके रहो। लड़वा देते है अपास में, भाई बहिन को। ऐसे साँपो से तुम, अपने आप को बचाओ।। कितना… Read More

इंसान की औलाद हो, इंसान तुम बनो। इंसानियत को दिलमें, अपने जिंदा तुम रखो। मतलब फरोश है ये दुनियाँ, जरा इससे बचके रहो। लड़वा देते है अपास में, भाई बहिन को। ऐसे साँपो से तुम, अपने आप को बचाओ।। कितना… Read More
जब हम होंगे, तुम्हारे पास तो। कयामत निश्चित ही, तुम्हारे दिलमें आएगी। धड़कने दिलों की, मानो थम जाएगी। जब चांदनी रातमें, होगा दिलोंका संगम। तो दिलों के, बाग लहरा उठेंगें। और अमन चैन, के फूल खिलेंगे। तो मचलते दिलको, जरूर… Read More
दिल की गैहराईयों, से मुझे देखो। सामने में नजर आऊंगा। चाँद को पाने के लिए, कही भी आ जाऊंगा। बस दिलसे एक बार, आवाज़ दो हमें। मैं खुद तुम्हारे समाने, हाजिर हो जाऊंगा।। न हम गलत है, और न हमारी… Read More
आज घर का माहौल, बदला-2 सा दिख रहा है। घर में कोई तूफान, सा छा गया है। यह मुझे घर का, माहौल बता रहा है। और प्रिये तेरी नजरो में, भी मुझे नजर आ रहा है। लगता है पूरी रात,… Read More
मिजाज कुछ बदला-2 सा, नजर आ रहा है। मानो दिल में कोई, तूफान सा छा रहा है। जो तेरी नजरो में, मुझे नजर आ रहा है। लगता है पूरी रात, तुम सोये नही हो। तभी तो चेहरा मुरझाया हुआ आज… Read More
दिलके इतने करीब हो, फिर भी मुझसे दूर हो। कुछ तो है तेरे दिल में, जो कह नही पा रही हो। या मेरी बातें या मैं तेरे को, अब समझ आ नही रहा। तभी तो मुझ से दूरियां, तुम बनाती… Read More
गुरु शिष्य का हो, मिलन यहां पर, फिर से दोवारा। यही प्रार्थना है हमारा। यही प्रार्थना है हमारा।। गुरु चाहते है, कि शिष्य को, मिले वो सब कुछ। जो में हासिल, कर न सका, अपने जीवन में। वो शिष्य हमारा,… Read More
तेरी यादों को अभी तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। की तुम लौटकर आओगे। मेरे लिए नहीं सही तो, परायें के लिए ही सही। तभी आप की धरोहर, आप को सौप देंगे। और इस मतलबी दुनियाँ से, कुछ कहे बिना… Read More
लगाकर आग दिल में वो, अक्सर भाग जाते है। कह कर अपनी बात, अक्सर भाग जाते है। बिना जवाब के भी, क्या वो समझ जाते है। तभी तो बार बार आकर, मुझसे कुछ कहते है।। उन्हें प्यार हो गया है।… Read More
मिले हम अपनी कविता, गीतों के माध्यम से तुम्हें। परन्तु ये तो कुछ, और ही हो गया। पढ़ते पढ़ते मेरी गीतों के, तुम प्रशंसक बन गये। और दिल ही दिल में, हमें चाहाने लगे। और अपने से, हमें लुभाने लगे।।… Read More