आया राखी का त्यौहार, जिसमें दिखता भाई-बहिन का प्यार। साथ पले और साथ पढ़े हैं। खूब मिला बचपन में प्यार। भाई-बहन का प्यार बढ़ाने। आया है राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार। लाया खुशियों की बौछार। बांध रखा है… Read More

आया राखी का त्यौहार, जिसमें दिखता भाई-बहिन का प्यार। साथ पले और साथ पढ़े हैं। खूब मिला बचपन में प्यार। भाई-बहन का प्यार बढ़ाने। आया है राखी का त्यौहार।। आया राखी का त्यौहार। लाया खुशियों की बौछार। बांध रखा है… Read More
हंसते चीखते गली मोहल्ले, अब वीरान से हो गए है। शहर के सारे चौहराये, अब सुनसान हो गए है। पर घर परिवार के लोग, घरों में कैद हो गए है। और परिवार तक ही, अब सीमित हो गए है। और… Read More
बनाकर आशियाना अपनी मोहब्बत का, क्यों तुम गिरा रहे हो। जमाने के डर से शायद, तुम भाग रहे हो। और लोगो के भंवर जाल में, तुम फँस गये हो। और अपनी मोहब्बत का, जनाजा खुद निकल रहे हो।। ये दुनियाँ… Read More
मधुर मिलन का ये महीना, कहते जिसे सावन का महीना। प्रीत प्यार का ये महीना, कहते जिसे सावन का महीना। नई नवेली दुल्हन को, प्रीत बढ़ाता ये महीना।। ख्वाबो में डूबी रहती है, दिन रात सताती याद उन्हें। होती रिमझिम… Read More
लगाकर दिल तुम अपना, फिर मुँह मोड़ा न करो। किसी के दिल से तुम, इस तरह खेला न करो। मिले थे दिल हमारे, तभी तो साथ हुए थे। पर अब क्या हुआ तुमको, जो रूठ गये हम से।। बड़ी बड़ी… Read More
खो न जाऊँ कहीं, अपनों के बीच से। इसलिए लिखता हूँ, गीत कविता आपके लिए। ताकि बना रहे संवाद, हमारा आप के साथ। और मिलता रहे सदा, आप सभी का आशीर्वाद।। दिल में जो आता है, मैं वो लिख देता… Read More
जितना हमने है देखा, और अबतक समझ हम पाये। संसार के इस चक्कर ने, हम सबको बहुत रुलाया। हो हो हो ………………।। लोगो की भावनाओं से इन सब ने अबतक खेला। कभी धर्म जाती के नाम पर, उन्हें आपस में… Read More
न हम बदले न वो बदले, फिर क्यों बदल रहे इंसान। कल तक जो अपने थे, सब की आंखों में बसते थे। पर अब तो वो सिर्फ, सपनो जैसे देखते है। न हम न वो आये जाएं, अब एक दूसरे… Read More
तेरी यादों को अब तक, दिल से लगाये बैठा हूँ। सपनो की दुनियां में, अभी तक डूबा हुआ हूँ। दिलको यकीन नही होता, की तुम गैर की हो चुकी हो। और हकीकत की दुनियां से, बहुत दूर निकल गई हो।।… Read More
छोड़ दिया मेरा साथ, मुझे संसार में भेजकर। नये दिये माँ बाप, मुझे इस संसार में..।। खूब दिया स्नेह प्यार, मेरे पालन हारो ने। क्या कुछ नहीं किया, मुझे इंसान बनाने में। अपनी रो की इच्छाएं, मेरी इच्छाओं की खातिर।… Read More