जनकवि सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ की 50वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी तथा प्रगतिशील लेखक संघ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के राजर्षि सेमिनार हॉल में पहले सत्र में ‘हिंदी कविता :… Read More

जनकवि सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ की 50वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी तथा प्रगतिशील लेखक संघ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के राजर्षि सेमिनार हॉल में पहले सत्र में ‘हिंदी कविता :… Read More
पंडित विद्यानिवास मिश्र की जन्मशताब्दी के अवसर पर आज ‘विद्याश्री न्यास’ एवं हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के संयुक्त तत्पावधान में उदय प्रताप कॉलेज के राजर्षि सेमिनार हाल में ‘आधुनिक हिंदी कविता’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन… Read More
ग्रामीण पुस्तकालय भलुआ, देवरिया की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में स्व. विंध्याचल सिंह स्मारक न्यास द्वारा आयोजित 29 दिसम्बर 2024 को ‘पूँजीवादी विकास के दौर में लोकतांत्रिक मूल्य और साहित्य’ विषय पर परिचर्चा, सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन… Read More
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उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने वाले और सुशासन के प्रतीक माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज उदय प्रताप कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि उदय प्रताप कॉलेज पूरे देश में शिक्षा… Read More
आज उदय प्रताप कॉलेज के राजर्षि सेमिनार हाल में हिंदी विभाग द्वारा ‘किस्सागोई बनाम कथा-लेखन’ विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित… Read More
उदय प्रताप कॉलेज के राजर्षि सेमिनार हाल में कल दिनांक 13 नवंबर 2024 को प्रातः 10.30 बजे से साहित्य अकादमी सम्मान प्राप्त कथाकार अलका सरावगी का ‘किस्सागोई बनाम कथा-लेखन’ विषय पर व्याख्यान होगा। इस व्याख्यान की अध्यक्षता वरिष्ठ कथा समीक्षक… Read More
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित ‘हिन्दी भाषा और साहित्य : आलोचना का मूल्य और डॉ. रामचंद्र तिवारी’ विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए हिमाचल प्रदेश के श्री राज्यपाल माननीय शिवप्रताप शुक्ल ने कहा… Read More
महात्मा गाँधी ने अपने विचारों को खुद पर और समाज पर लागू किया था। उन्होंने विचार और व्यवहार में अद्वैत स्थापित किया। वे शब्द और कर्म की एकता के कारण जाने जाते हैं इसीलिए उनका महत्व बढ़ जाता है। उक्त… Read More