आज अवध में नई सुबह है ,
खत्म हुआ संघर्ष वो सारा ।
राम की महिमा राम ही जाने ,
राम का है ,संसार ये प्यारा ।
राम-नाम सब धर्म से ऊपर ,
भारत के रग-रग में समाया ।
वेद से लेकर ग्रंथ सभी जो ,
संस्कृत से संस्कृति में आया ।
राम-नाम सब मूल समाकर ,
भारत समृद्ध फिर,देश हमारा ।
आज अवध में…………..
भारत की आस्था का सूरज ,
अब चमका,लिए नया उजाला ।
अंधकार-रजनियाँ,अब सब मिट गया,
जो था गहन भयंकर काला ।
न्याय-अन्याय की,सीमा से ऊपर,
आस्था का विश्वास हमारा ।
आज अवध में…………….
सरकारों का आना-जाना ,
राम का वही वनवास पुराना ।
राम-आस्था ,सब राज से ऊपर ,
मन में राम-विश्वास जमाना ।
राज की नीति, राज ही जाने ,
न्याय से जीता,जो हक था सारा ।
आज अवध में……………
भोर-भंगिमा आज नई है ,
आज अयोध्या चमक गई है ।
राम का वैभव राम का साया ,
राम-महिमा की जीत हुई है ।
तट सरयू के लोग हैं आए ,
सुबह-सुबह , ‘ अजस्र ‘ नजारा ।
आज अवध में ……………..
भारत विविध-विविध समगामी ,
सब जन का विश्वास समाया ।
भारत जन सब भाई-भाई यहाँ ,
सब जन अपने ,नहीं कोई पराया ।
अमन चैन यह बना रहे अब ,
संकल्प लिया ,जन-भारत वो न्यारा ।
आज अवध में ………………
आदर्श राम को दुनिया माने ,
धर्म सीमाओं से आगे बढ़कर ।
‘अजस्र ‘ भविष्य की नींव जमाएं ,
सब-जन को संग-संग और सह-कर ।
वनवास राम का खत्म करें सब,
आशीष मिले सबको ही सहारा ।
आज अवध में नई सुबह है ,
खत्म हुआ संघर्ष वो सारा ।
राम की महिमा राम ही जाने ,
राम का है, संसार ये प्यारा ।