कोई मुझसे पूछे, क्या है हिंदी
तो उसे बताऊं, मेरी शान है, हिंदी।
मेरा अभिमान है, हिंदी
मेरी पहचान है, हिंदी।
मेरा ताज़ है, हिंदी
माथे की बिंदी है, हिंदी।
मेरी साँसों की ड़ोर है, हिंदी
मेरी दिल की धड़कन है, हिंदी।
मेरे सपनों का संसार है, हिंदी
मेरे सुर का राग़ है, हिंदी।
रचना की अभिव्यक्ति है, हिंदी
मेरी आशा की पहली किरण है, हिंदी।
मेरा इमान है, हिंदी
मेरे ज़ज्बात हैं, हिंदी।
मेरी उड़ान है, हिंदी
मेरी आवाज़ है, हिंदी।
सरल कहूँ तो
मेरे रोम-रोम में समाई, हिंदी।
इसी ने इस शिखर तक पहुंचाया मुझे
ऐसी हिंदी को मेरा शत् शत् नमन!