तुम्हें दिल लगी भूल जाने पड़ेगी।
गुरु चरणों में शीश झुका के तो देखो।
तुम्हे दिल लगी भूल जाने पड़ेगी।
प्रभु चरणों में शीश झुका के तो देखो।
तुम्हे दिल लगी भूल जाने पड़ेगी।
णमोकार मंत्र को जपके तो देखो।
तुम्हारे पाप कर्म धूल जायेंगे सारे।
ये अपने जीवन में उतार के तो देखो।
तुम्हे दिल लगी भूल जानी पड़ेगी।।
निश दिन मंदिर में पूजा करो तुम।
तुम्हे शांति दिल में महसूस होगी।
तुम्हे दिल लगी भूल जानी पड़ेगी।
देव दर्शन निश दिन करके तो देखो।
तुम्हे दिल लगी भूल जानी पड़ेगी।।
दया और धर्म तुम करके तो देखो।
ये माया सभी यहीं रह जाएगी सारी।
तेरे अच्छे कर्म ही तेरे संग जायेगें।
बाकि अब यहीं पड़ा रह जायेगा सारा।
तुम्हे दिल लगी भूल जानी पड़ेगी।
दान धर्म तुम करके तो देखो।।
गुरु और प्रभु जी शरण में तो जाओ।
संतो की वाणी जा सुनकर तो देखो।
तुम्हे धर्म चेतना का आनंद यही पर मिलेगा।
गुरु और प्रभु की सेवा कर के देखो।
तुम्हे दिल लगी भूल जानी पड़ेगी।।
प्रभु चरणों में शीश झुका के तो देखो।
आचार्यश्री के चरणों मे शीश झुका के तो देखो।।