gurupurnima

गीत : प्रभु का वास

तू वर्षो से यहाँ वहाँ भटक रहा पर प्रभु दर्शन नहीं मिल पाये है। किये थे पूर्व जन्म में अच्छे कर्म। इसलिए मनुष्य जन्म तुम पाये हो।। तू वर्षो से यहाँ वहाँ भटक रहा..। तुझसे पहले कितने भक्तगण यहाँ आकर… Read More

ghunghat

कविता : मुखौटा देखने को

ललायत रहत है अँखियां तुमरो मुखौटा देखन को। जो दिख जाएँ तुमरो सुंदर चेहरा सुबेहरे मुझेखो। तो दिन मोरो निकलत है बहोतई नो नो नो सो। तबाई तो व्याकुल रहात है मोरी अँखियाँ रोजाई।। बहोताई मैं सोचत हो अब तुमरे… Read More

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कविता : कुदरत का करिश्मा

ऊपर नीचे के मिलन से बारिस बहुत हो रही है। बदलो का पर्वतो से टकराना हो रहा है। जिसके कारण खुलकर वर्षा हो रहा है। स्वर सरगम मिल रहे है इससे भी बारिस हो रही है।। इन्द्रदेव भी गीत मल्हार… Read More

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कविता : अजीब किस्से है

बड़ा अजीब सा किस्सा है। मेरे इस मानव जीवन का। न ये हँसता है न रोता है। बस उन्हें देखता रहता है।। देखकर मेरी इस उदासी को। दर्द मेरे अपनो को होता है। जो मुझे समझते और जानते है। वो… Read More

gaonn

कविता : न गणित बदली और न हिंदी

कितना जमाना बदल गया है लोगों की सोच बदल गई है। पर न बदली है गणीत और न बदली है हिंदी-अंग्रेजी की वर्णमाला। बस उन्हें कहने और समझाने में लोगों की सोच बदल गई है। आज भी गणित में दो… Read More

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कविता : मुझे क्या समझते है

लोग न जाने क्यों मुझे उल्लू सा समझते है। और अपने आप को बहुत चतुर और होशियार। उनकी बातों का जवाब सबके सामने नहीं देता। ये मेरी कमजोरी नहीं है बस रिश्तों का लिहाज है। जिस दिन धैर्ये टूट जायेगा… Read More

love one

कविता : तेरे मिलने से

आये हो जब से तुम मेरे जीवन में प्रिये। बदल गया है मेरा सच में ये जीवन। बदलने लगे है अब मेरे को सुनने वाले। जब से आया है मेरे गीतों में स्वर-ताल।। बड़ी मुद्दत के बाद आया है ये… Read More

raini lily

कविता : बारिस की बूंदे

बारिस की बूंदो ने वातावरण प्रफुल्लित कर दिया। सूखी भूमि मुरझाये पेड़ पानी की बूंदे गिरते ही। भूमि एक दम नम होकर पेड़ पौधों को खिला दिया। और इंसानो और पशुओं को गर्मी से छुटकारा दिला दिया।। बारिस की गिरती… Read More

radha

गीत : प्रेम बरसेगा

चिराग ये दिलमें जलाओगें तो प्रेम बरसेगा। दिलमें प्यार का उदय निश्चित ही होगा। जो प्रेम को इबादत और साधना समझते है। मोहब्बत का रस पान ऐसे ही लोग कर पाते है।। दिले नादान जो होते है वो प्यार मोहब्बत… Read More

man alone

कविता : क्या खोया क्या पाया

प्रगति के लिए लोगों परिवर्तन बहुत जरूरी है। मूल आधार को छोड़कर क्या ये संभव है। क्या अपनी संस्कृति को बचना हमें जरूरी है। या परिवर्तन के लिए इसकी आहुति भी दे सकते है।। जो भी अपने आधार को समय… Read More