हिंदी : संस्कृति एवं अभिव्यक्ति की पहचान

राष्ट्रभाषा, किसी संप्रभु राष्ट्र के अस्मिता, एकता, अभिव्यक्ति एवं संस्कृति की पहचान होती है।सुदृढ़ तथाअखंड भारत कीकल्पना राष्ट्रभाषा हिन्दी के बिना नहीं की जा सकती। भारत की संविधान सभा ने 14सितम्बर 1949 को सम्पूर्ण राष्ट्र के लिये हिन्दी की व्यापक स्वीकार्यता, बहुलवादी… Read More

राजभाषा और राष्ट्रभाषा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं

अक्सर हम हिंदी को राष्ट्रभाषा के काल्पनिक पचड़े में उलझाना चाहते हैं। मगर यह तर्कपूर्ण सत्य है कि हिंदी राष्ट्रभाषा थी इसीलिए ब्रिटिश भारत से आधुनिक स्वतंत्र भारत बनने के क्रम में संवैधानिक रूप से राजभाषा के पद पर हिंदी  आसीन… Read More

राजभाषा हिंदी

राजभाषा हिंदी दो शब्दों से मिलकर बना है राज और भाषा। इसका सामान्य अर्थ है राजकाज की भाषा या शासन की भाषा। भारत में कई बार विदेशी आक्रमण हुए जिसमें शासन की भाषा अलग एवं शोषित की भाषा अलग होती… Read More

भोजपुरी के गीतकार मोती बी.ए. की जन्मशताब्दी पर विशेष

आखर और मैथिली-भोजपुरी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में भोजपुरी के गीतकार मोती बी.ए. की जन्मशताब्दी के अवसर पर ‘हिंदी सिनेमा के विकास में लोकसंगीत और लोकभाषा के प्रभाव (विशेष संदर्भ : भोजपुरी) विषयक आज हिंदी भवन में एक व्याख्यान का… Read More