maa

कविता : मेरी ढाल

सिखाया जिसने जीना मुझको वही छोड़कर चली गई। जलाये जिसने अंधेरो में दीपक वो न जाने कहाँ खो गई। सिखाया जिसने लिखना पढ़ना पता नहीं वो क्यों रूठ गई। सच कहे की हमारा आधार अब जिंदगी का नहीं बचा।। हमें… Read More

sunset side

कविता : अँखियाँ ललायत है

ललायत रहत है अँखियां तुम्हें रोज देखन को। जो दिख जाएँ तुमरो सुंदर चेहरा सुबेहरे मुझेखो। तो दिन मोरो निकलत है बहोतई नो नो नो सो। तबाई तो व्याकुल रहात है मोरी अँखियाँ रोजाई।। बहोताई मैं सोचत हो अब तुमरे… Read More

bride love

कविता : चलो सैर पर चले

चलो सैर पर चले जिंदगी संवर जायेगी। रातों के ख्यालों में खो जाये दिलमें कमल खिल जायेंगे। जो ख्यालों में हमारे रोज आती जाती है। और अपने नये नये रूप हमें दिखती है। सच कहे अगर तुमसे तो हमें भी… Read More

chandani rat

कविता : मौसम और मोहब्बत

हल्की हल्की बारिस में मज़ा बहुत आता है। जैसे जैसे गिरती है बदन पर पानी की बूंदे। अजब सी गुद गुदी मेहसूस होने लगती है। और कमल से फूल खिल उठते है अंदर ही अंदर।। मुझे ज्यादा पसंद है चांदनी… Read More

mirabhakti

कविता : मानव जीवन अजीब है

बड़े अजीब किस्से है। इस मानव जीवन के। न ये हँसता है न रोता है। पता नहीं किसे देखता है।। देखकर इस उदासी को। दर्द अपनो को होता है। जो समझते और जानते है। इसलिए लिए परेशान होते है।। वो… Read More

rituu

कविता : आराधना की ऋतु

बारिस के पानी से देखो। भर गये नदी नाले तलाब। सुखी उखड़ी भूमि भी अब हो गई है गीली गीली। वृक्षों पर भी देखो अब नये हरे पत्ते आने लगे। चारों तरफ पानी पानी अब जमा हो गया बारिस का।।… Read More

gurupurnima

गीत : प्रभु का वास

तू वर्षो से यहाँ वहाँ भटक रहा पर प्रभु दर्शन नहीं मिल पाये है। किये थे पूर्व जन्म में अच्छे कर्म। इसलिए मनुष्य जन्म तुम पाये हो।। तू वर्षो से यहाँ वहाँ भटक रहा..। तुझसे पहले कितने भक्तगण यहाँ आकर… Read More

ghunghat

कविता : मुखौटा देखने को

ललायत रहत है अँखियां तुमरो मुखौटा देखन को। जो दिख जाएँ तुमरो सुंदर चेहरा सुबेहरे मुझेखो। तो दिन मोरो निकलत है बहोतई नो नो नो सो। तबाई तो व्याकुल रहात है मोरी अँखियाँ रोजाई।। बहोताई मैं सोचत हो अब तुमरे… Read More

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कविता : कुदरत का करिश्मा

ऊपर नीचे के मिलन से बारिस बहुत हो रही है। बदलो का पर्वतो से टकराना हो रहा है। जिसके कारण खुलकर वर्षा हो रहा है। स्वर सरगम मिल रहे है इससे भी बारिस हो रही है।। इन्द्रदेव भी गीत मल्हार… Read More

lifee

कविता : अजीब किस्से है

बड़ा अजीब सा किस्सा है। मेरे इस मानव जीवन का। न ये हँसता है न रोता है। बस उन्हें देखता रहता है।। देखकर मेरी इस उदासी को। दर्द मेरे अपनो को होता है। जो मुझे समझते और जानते है। वो… Read More