दिलके आंगन में
कुछ तो बातें है।
जिसमें कभी खुशी
तो कभी गम है।
इन गमो को दूर
करने दोस्त होते है।
जो स्नेह प्यार से
दुखदर्द हर लेते है।।
कुछ तो है तुम्हारी
बेचैनी का राज।
जो तुम्हारे चेहरे
पर झालाक रहा है।
हम से कहो तुम
अपने दिलकी बात।
ताकि तुम्हारे चेहरे की
उदासी को मिटा सके।।
अपने दिल पर तुम
परते मत जमाओं।
दिलकी बात दिल
वालो को बताओं।
दिल वाले तो रेत पर
आशियाना बना लेते है।
और खुदको मीरा और
कान्हा मान लेते है।।
जो भी है बात
खुलकर कह दीजिये।
और अपने दिलको
हल्का कर लीजिये।
हम है वो शिल्पकार
जो तुम्हें तराश देंगे।
और निर्जीव मूर्ति को
बोलता हुआ बना देंगे।।
हम उन्हें ढूँढ़ते है
जो सच्चे और अच्छे है।
भले ही हमने उन्हें
कभी देखा नहीं।
पर रिश्तों में वो
बहुत सच्चे होते है।।