मिलते मिलाते पहुँच गये।
हम आज उस मंजिल पर।
जहाँ सब को पहुंचना है।
आखिर में एक दिन।।
जिंदगी को जी गये।
एक चुनौती मानकर।
सब कुछ लगा दिया अपना।
इसे एक लक्ष्य समझकर।।
मरता रहा औरो के लिए।
खुद के लिए जिया नहीं।
पर मुझे इससे क्या मिला।
ये आज तक जान पाया नहीं।।
हर कोई उम्मीद करता है।
की सब मुझे कुछ करे ।
पर मुझे करना न पड़े।
ये ख्यास रखते है दिलमें।।