दीये का काम है जलना।
हवा का काम है चलना।
जो दोनों रुठ जाएंगे।
तो मिट जाएगी ये दुनियाँ ।।
गुरु का काम है शिक्षा देना।
शिष्य का काम शिक्षा लेना।
जो दोनों भटक जाएंगे।
तो दुनियाँ निरक्षक हो जायेगी।।
पुत्र का काम है सेवा करना।
मात-पिता का काम है पालन-पोषण करना।
जो दोनों एक दूसरे से
मुंह मोड़ लेंगे।
तो सारी दुनियाँ बदल जाएगी।।
इसलिए संजय कहता है,
करो अपने कर्तव्यों का पालन।
तभी सुंदर बन सकता,
अपना ये वतन।
इसलिए हमारा देश
विश्व मे सबसे न्यारा है।
जहाँ हर मज़हब के लोग हिल मिलकर रहते है।।
जहाँ हर……..।।