आज उदय प्रताप कॉलेज का 116वां संस्थापक समारोह राजर्षि सभागार में भव्य एवं गौरवपूर्ण तरीके से मनाया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गुजरात के कुलपति प्रो. आर.एस. दूबे थे। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि गुलामी के समय राजर्षि ने मूल्य निर्माण और राष्ट्रीय चेतना के विकास का जो सपना देखा था उसे साकार करने के लिए ही उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना किया। आगे चलकर इन्हीं सपनों और मूल्य को आधार बनाकर मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय तथा शिवप्रसाद गुप्त जैसे मनीषियों ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की स्थापना किया। प्रो. दूबे ने अपने वक्तव्य में आगे यह भी कहा कि राजर्षि की मूल्य आधारित राष्ट्रीय चेतना का यह सपना भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल में भी निहित है। इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अपनी भारतीयता के जड़ों की ओर लौटने का विशेष आग्रह है। उन्होंने प्राचीन भारत में चरित्र निर्माण, मूल्य शिक्षा और राष्ट्रीय चेतना की चर्चा करते हुए कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसे भारत के विश्वविद्यालयों में दुनिया के हजारों छात्र अध्ययन के लिए आते थे। लेकिन अंग्रेजों ने भारत की मूल्यवान परंपराओं का इस तरह विनाश किया।


आज के इस संस्थापक समारोह की अध्यक्षता उदय प्रताप कॉलेज के पूर्व छात्र एवं पूर्व शिक्षक विधायक डॉ. चेतनारायण सिंह ने किया। उन्होंने अपने अध्यक्ष उद्बोधन में कहा कि राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव ने यह गहराई से अनुभव किया था कि अज्ञानता ही हिंदुस्तान की गुलामी का मूल कारण है और इस अज्ञानता से मुक्ति मूल्य और राष्ट्रीय चेतना पर आधारित शिक्षा के द्वारा ही पाई जा सकती है। इसलिए उन्होंने ‘दृढराष्ट्रभक्ति: पराक्रमश्च’ ध्येयवाक्य को कॉलेज के केंद्र में रखते हुए इस संस्था की स्थापना किया। डॉक्टर चेतनारायण सिंह ने आगे यह भी कहा कि उदय प्रताप कॉलेज राजर्षि के उस सपनों को साकार करने के लिए पूरे मनोयोग से लगने जब इस संस्था को एक विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होता हुआ देखना चाहते थे । आज के संस्थापक समारोह में उदय प्रताप शिक्षा समिति के सचिव तथा इस संस्था के प्रचीन छात्र यू.एस. सिन्हा ने कहा कि मैं आज से 57 वर्ष पहले यहां का एक छात्र था। मैंने महसूस किया है कि यह विद्यालय केवल ईंट पत्थर की मूर्ति नहीं है, बल्कि राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव की आत्मा का प्रतीक है। यही नहीं यह कॉलेज मेरी द्वितीय जननी है। मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा इस संस्था के विकास के हर संभव प्रयास करूंगा। उल्लेखनीय है कि उदय प्रताप कॉलेज की प्रबंध समिति द्वारा प्रो.यू.एस. सिन्हा को उनके मेडिकल साइंस और मेडिसिन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए लाइव टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से आज सम्मानित किया है। उनके सम्मान पत्र का वाचन उदय प्रताप पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता कुमार ने किया। प्रो. सिन्हा 1968-69 में इस कालेज के छात्र रहे हैं।
समारोह के आरंभ में आए हुए अतिथियों का स्वागत कैंपस कोऑर्डिनेटर एवं उदय प्रताप शिक्षा समिति के मीडिया प्रभारी प्रो. मनोज कुमार सिंह ने किया। उन्होंने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि किसी भी संस्था का मूल्यांकन हम जिस समय में हम जी रहे होते हैं उसके अनुसार करना चाहिए। हमें उदय प्रताप कॉलेज और भी रचनात्मक और बेहतर बनाने के लिए आज के अपने समय का गहराई सेमूल्यांकन करते हुए लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाना चाहिए तभी हम राजर्षि के सपनों के अनुरूप इस संस्था में वर्तमान पीढ़ी का निर्माण अगली सदी के लिए कर सकेंगे।
आज के संस्थापक समारोह में उदय प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य प्रसाद धर्मेंद्र कुमार सिंह ने पांचों इकाइयों की वार्षिक उपलब्धियां को प्रस्तुत किया। उन्होंने शिक्षा, खेल तथा सांस्कृतिक क्षेत्र की उदय प्रताप इंटर कॉलेज, रानी मुरार कुमारी बालिका इंटर कॉलेज, उदय प्रताप पब्लिक स्कूल, राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी तथा उदय प्रताप महाविद्यालय की विगत वर्ष की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये उपलब्धियां निश्चय ही किसी भी शिक्षण संस्था के लिए अत्यंत गौरव का विषय हो सकती हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि हमारा विजन निरंतर उदय प्रताप सिंह जू देव की चेतना के अनुरूप इस संस्था में छात्र-छात्राओं को ज्ञान, चरित्र और मूल्यों का विकास करना है जिससे ये छात्र-छात्राएं आने वाले समय की चुनौतियां का साक्षमता के साथ सामना कर सकें।
आज के समारोह में अवकाश प्राप्त शिक्षक और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया। आज सम्मानित किए गए शिक्षकों और कर्मचारियों में उदय प्रताप महाविद्यालय के भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. चंद्र प्रकाश सिंह, सांख्यिकी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. उपेंद्र कुमार तथा शिक्षक शिक्षा विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. गरिमा सिंह तथा पुस्तकालय लिपिक श्रीमती वंदना सिंह उल्लेखनीय हैं। इसके साथ ही उदय प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधान लिपिक श्री अरुण कुमार सिंह को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में उदय प्रताप पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने मंगल गीत प्रस्तुत किया।रानी मुरार कुमारी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने “तू प्यार का सागर है” भजन की मनोहारी प्रस्तुति की। उदय प्रताप महाविद्यालय की छात्राओं ने राम सीता विवाह संबंधी लोकगीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। आने वाले अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापन उदय प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. रमेश प्रताप सिंह ने किया। आज के आयोजन का संचालन प्रो. प्रज्ञा पारमिता सिंह तथा डॉ. ज्ञान प्रभा सिंह ने किया ।
आज के इस 116 वें संस्थापन समारोह के अवसर पर जिन विशिष्ट लोगों की उपस्थिति रही उनमें डॉ. मूलचंद सिंह, डॉ. रमाशंकर सिंह, डॉ. विजय बहादुर सिंह, डॉ. राम सुधार सिंह, डॉ. दुर्ग विजय सिंह, डॉ. महेश प्रताप सिंह एवं प्रो.एस.के. शाही, प्रो. सुधीर कुमार राय, प्रो. रमेशधर द्विवेदी, प्रो. संजय कुमार शाही, प्रो. शशिकांत द्विवेदी, प्रोफेसर अमन गुप्ता, डॉ अनिता सिंह, प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह, श्री सौरभ सिंह, डॉ. संजय कुमार श्रीवास्तव, श्री उमेश प्रताप सिंह, डॉ. शरद श्रीवास्तव, प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. तुषार कांत श्रीवास्तव, प्रो. मधु सिंह, प्रो. अनिता सिंह, प्रो. संजीव कुमार सिंह, डॉ. प्रभा सिंह, प्रो.अंजू सिंह, प्रो. पंकज कुमार सिंह, डॉ.अग्नि प्रकाश शर्मा, प्रो. राघवेंद्र सिंह रघुवंशी, प्रो. पंकज कुमार, प्रो.सुबोध सिंह सहित बड़ी संख्या में विभिन्न इकाइयों के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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