आज राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव की 175वीं जयंती के अवसर पर राजर्षि सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता सरेनी विधानसभा, रायबरेली के पूर्व विधायक श्री सुरेन्द्र बहादुर सिंह ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह विशेष गौरव की बात है कि 1963 में मैंने एक विद्यार्थी के रूप में जिस कॉलेज में प्रवेश लिया था आज उसी संस्था में राजर्षि जयंती समारोह की अध्यक्षता करने का अवसर मिल रहा है। श्री सिंह ने इस संस्था के प्रति आभार प्रकट करने के लिए कॉमर्स फैकेल्टी के अलग से भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपए के दान की घोषणा किया। उन्होंने आगे यह भी कहा कि संस्था के समुचित विकास के लिए छात्रों और अध्यापकों को अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी के करना चाहिए।
आज के इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ के निदेशक प्रो. संजय सिंह ने कहा कि उदय प्रताप कॉलेज पूरे देश में अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है। उन्होंने आगे बोलते हुए यह भी कहा कि शिक्षा प्राप्त करने का एक बड़ा उद्देश्य अपने पर्यावरण के प्रति दायित्वबोध होना चाहिए। जल संकट के समाधान के लिए ‘जल बचाओ अभियान’ चलाने की आवश्यकता है। आगे उन्होंने महिला शक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि यह शोध का विषय है कि अब लड़कियां कृषि की पढ़ाई की ओर अधिक उन्मुख हो रही हैं।
आज के इस समारोह में विशिष्ट वक्ता के रूप में बोलते हुए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ के उपनिदेशक प्रो. परमेंद्र सिंह ने कहा कि पूज्य राजर्षि ने उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना समाज के अंतिम व्यक्ति की सेवा के उद्देश्य से किया था। उन्होंने आगे यह भी कहा कि वैश्विक समस्याओं के समाधान में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। ऐसे युवा उदय प्रताप कॉलेज जैसे संस्थाओं से निकालकर आने चाहिए। इस समारोह में प्राचीन छात्र के रूप में बोलते हुए पूर्व शिक्षक विधायक डॉक्टर चेतनारायण सिंह ने कहा कि राजर्षि ने उदय प्रताप कॉलेज की स्थापना जिस उद्देश्य को लेकर किया था उसका लक्ष्य वाक्य था ‘दृढ़ राष्ट्रभक्ति: पराक्रमश्च’। उन्होंने आगे यह भी कहा कि बिना युवाओं की उन्नति के देश की उन्नति नहीं हो सकती। इसीलिए 20वीं शताब्दी के आरंभ में राजर्षि ने युवाओं में ईमानदारी, वीरता, समर्पण और आत्मनिर्भरता की भावना पैदा करने के लिए इस कॉलेज की स्थापना किया। डॉ. चेतनारायण सिंह ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपने छात्रों में कड़ा अनुशासन अवश्य रखें लेकिन मन में उनके हित का भाव निरंतर बनाए रहें।
आज के इस समारोह में प्रबंध समिति के सचिव न्यायमूर्ति एस.के. सिंह के संदेश का वाचन उदय प्रताप पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या संगीता कुमार ने किया। न्यायमूर्ति एस.के.सिंह ने अपने संदेश में कहा कि राजर्षि ने जिस सपने को लेकर इस संस्था की स्थापना की थी उदय प्रताप कॉलेज उन्हीं सपनों पूरा करने में पूरे मनोयोग से लगा हुआ है। हमारा प्रयास है कि सांस्कृतिक, शैक्षिक तथा मानवता की सेवा के राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव के उद्देश्य को पूरा कर सकें।
समारोह के आरंभ में स्वागत वक्तव्य महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार सिंह ने दिया। उन्होंने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि अगर हमारे छात्रों में परिश्रम करने की आदत हो तो वे किसी भी बड़े मुकाम तक पहुँच सकते हैं। उन्होंने राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राजर्षि ने पार्लियामेंट में भारतीयों की ओर से पहला सवाल उठाया था। उन्होंने यह भी कहा की राजर्षि ने शिक्षा पर ध्यान देते हुए छात्रों के लिए ‘इंग्लिश रीडर’ बनाई थी। आयोजन के आरंभ में उदय प्रताप पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। कुलगीत एवं स्वागत गीत रानी कुमार बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं ने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही कुमारी वैभवी सिंह, कुमारी अर्चना राजभर, अश्विनी कुमार सोनकर, संजीवनी राजेश, आदिति श्रीवास्तव, साध्वी रघुवंशी तथा हर्ष सिंह ने राजर्षि उदय प्रताप सिंह जू देव के प्रति अपनी भावांजलि प्रस्तुत किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत उदय प्रताप पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा चैती गायन प्रस्तुत किया गया। इस समारोह में उदय प्रताप कॉलेज की वार्षिक पत्रिका ‘उदयश्री’ के नए 2024-25 अंक लोकार्पण भी किया है जिसका संपादक प्रो. गोरख नाथ ने किया है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्ञान प्रभा सिंह तथा डॉ. शरद श्रीवास्तव ने किया। आए हुए अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन उदय प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.रमेश प्रताप सिंह ने किया। अंत में राष्ट्रगान के पश्चात आयोजन समाप्त हुआ।
आज के इस समारोह में जिन महानुभवों की विशेष उपस्थिति रही उनमें डॉ. मूलचंद सिंह, डॉ. विजय बहादुर सिंह, प्रो. मनोज कुमार सिंह, डॉ. विनय कुमार सिंह, डॉ. अमल धारी सिंह, सुश्री सविता सिंह, प्रो. हरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. राम सुधार सिंह, प्रो. दिवाकर सिंह, प्रो. एस.के. सिंह, डॉ. सदानंद सिंह, डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. अमन गुप्ता, श्रीमती ममता सिंह, प्रो. आरती सिंह, डॉ. महेश प्रताप सिंह, प्रो.नरेंद्र कुमार, डॉ. शिवराम सिंह, डॉ. गुलाब सिंह, प्रो. चंद्र प्रकाश सिंह, प्रो. सुधीर कुमार राय, प्रो. सुधीर कुमार शाही, प्रो. शशिकांत द्विवेदी, डॉ. डी.डी. सिंह, प्रो. मनोज प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. गरिमा सिंह, प्रो. रमेश धर द्विवेदी, प्रो. संजय कुमार शाही, प्रो.राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रो.मीरा सिंह, प्रो.रश्मि सिंह, प्रो. देवेंद्र कुमार सिंह, प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह, प्रो. राघवेंद्र सिंह, प्रो. मनीष कुमार सिंह, प्रो. पी.के.सिंह, प्रो. तुमुल सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, श्री सभा शंकर सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।