mohabbat

तेरे हाव भाव देखकर
मेरा दिल डोल रहा है।
और तेरी आँखो में
स्वयं को देख रहा।।
इसलिए दिल के अंदर
अजीब सी बेचैनी है।
समझ में हम लोगों को
क्या कुछ आ रहा।
या फिर जवानी में
ये सब होने लगता है।
इसलिए तो इस दौर में
संभालकर चलना पड़ता है।
कही देखा देखी में
ये दिल बहक न जाये।
और मोहब्बत के चक्कर में
कही ये पड़ न जाये।
मोहब्बत एक बड़ा रोग है
अगर ये लग जाये।
तो जल्दी छुटकारा इससे
हमें नहीं मिल पाता।
या तो परवान चढ़ती है
या फिसल जाती है।
पर मोहब्बत अपना रंग
हमें निश्चित दिखती है।
किसी की जिंदगी में
बहुत खुशीयाँ आती है।
और उम्रभर मोहब्बत के
वो दीपक जलते है।
तभी तो इनका जीवन
भरा रहता है खुशियों से।।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *