अब न गमों से
हमें डर लगता है।
न खुशी का मुझे
कोई एहसास होता है।
क्योंकिं मेरा दिल तो अब
प्रभु भक्ति में रहता है।
इसलिए मैं इन सबसे
बहुत ही दूर रहता हूँ।।
जब वो ही मेरे साथ है
तो किस बात का है डर।
मुझे पूरा है भरोसा
अपने उस रब पर।
जो पग पग पर साथ है
मेरी रक्षा के लिए जो।
तो क्यों रहूँ मैं उदास
अपनी इस जिंदगी में।।
भक्ति में बहुत शक्ति होती है
जो अपना असर दिखती है।
और मरने वाले इंसान की
सोच को जिंदा रखती है।
तभी तो मृत्य इंसान को
प्रभु से जीवित करवा लेती है।
और सावित्री और सत्यभान
की याद दिलाती है।।
रखो रब पर तुम विश्वास
तेरा मालिक देगा साथ।
बस अपनी आस्था को
कम नहीं होने देना।
तेरा प्रभु तुझे नहीं करेगा
जीवन में कभी भी निराश।
बस सच्चे मन से करो
तुम सदा उन्हें याद।।