ऊपर नीचे के मिलन से
बारिस बहुत हो रही है।
बदलो का पर्वतो से
टकराना हो रहा है।
जिसके कारण खुलकर
वर्षा हो रहा है।
स्वर सरगम मिल रहे है
इससे भी बारिस हो रही है।।
इन्द्रदेव भी गीत मल्हार के
सुनकर खुश हो रहे है।
और अपनी खुशी का इजहार
बरस के प्रगट कर रहे है।
पेड़ पौधे भी पानी गिरने से
खुश होकर हरेभरे हो गये है।
और ऊपर वाले की मेहरबानी
से नीचे वाली आंन्दित् हो उठे।।
कुदरत का करिश्मा तो देखो
प्रकृति के सौंदर्य को भी देखो।
दो के मिलन से ही ये होता है
एक अकेला क्या कर सकता।
इसलिए विधाता ने जोड़े बनाये है
जिसमें दो का होना जरूरी है।
जिससे वो संसार के चक्र को
और आगे घूमा पायेगा।।