धरा पर जन्म लेकर
किया उपकार जो तुमने।
बहुत से पापीयों का
किया संग्रहार जो तुमने।
इसलिए तो धरा पर
बनी है आस्था अब तक।
और करते है पूजा-भक्ति
लोग हर त्यौहार पर।।
पूजते है तुझे
हर मजहब के लोग।
और आस्था भी तुझे पर
सदा वो रखते है।
इसलिए अपना सब कुछ
निछावर तुझ पर करते है।
क्योंकि दिया सबकुछ तुम्हीं ने
तो सब कुछ तेरा ही है।।
बस इतनी कृपा मुझे पर
प्रभु तुम बनाये रखना।
की तेरा ये भक्त
कभी भूखा न सोये।
और सभी परीक्षाओं में
सफलता हासिल करे।
और तेरी कसौटी पर
सदा ही खरा उतरे।।