देखो उस मेट्रो को…
कैसे खिलखिला के हँस रही है…
सुना है,
इसने कई पेड़ों का क़त्ल कर दिया कल रात…
कल रात जब हम गहरी नींद में थे
कुछ पेड़ सुबक रहे थे
अंधेरे में…
कइयों ने आवाज़ लगाई थी,
दिन में उनको बचाने की
सितारे भी लगे थे लाइन में…
बारिश में छाता लेके…
लगा था,
क़त्ल सरेआम न हो पायेगा
डंका ये दूर तक जायेगा
लेकिन सब कुछ छलावा निकला
परदा गिरा
और पेड़ को मार दिया गया…
सब पे भारी पड़ गईं तरक्क़ी मेडम
लील लो, हम सबको
तेरा पेट न भरेगा
मुझे पता है
तू सर्वनाश के दिन ही रुकेगा
अधकटा,
तड़प रहा,
ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रहा
एक मासूम पेड़ का बच्चा बोला
देखो ये मेट्रो, देखो ये सड़क, कैसे खिलखिला के हँस रही है
सुना है, इसने कई पेड़ों का क़त्ल कर दिया है… …!
#aarey
#saveearth
Outstanding mindwlowing historic